Top News Haryana : माह अक्तुबर में चलाए जा रहे विशेष साइबर जागरूकता अभियान के अंतर्गत आमजन को साइबर अपराध के प्रति जागरुक करते हुए श्री सुमित कुमार एसपी (SP) जीन्द ने बतलाया कि इन दिनों साइबर अपराधियों द्वारा लोगों से पैसे ऐंठने का नया तरीका इस्तेमाल किया जा रहा है।
साईबर अपराधी लड़कियों की फोटो लगाकर व्हाट्सएप पर दोस्ती करते हैं और फिर विडियो काल करके आपकी विडियो रिकार्ड कर लेते हैं जिसे आपको भेजकर या वायरल करने की धमकी देकर पैसे की मांग करते हैं। पैसा न देने की सुरत में उक्त विडियो को वायरल करने की धमकी देते हैं।
इस साईबर जालसाजी के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक (SP) जीन्द ने बताया कि सोशल मीडिया पर न्यूड वीडियो कॉल करके ब्लैकमेल करने वाली लड़कयों की हकीकत कुछ और ही होती है। दरअसल, व्हटसएप्प/फेसबुक पर जिन लड़कियों के नाम से वीडियो कॉल करके आपकी न्यूड फिल्म बनाकर ब्लैकमल किया जाता है हकीकत में वो सब नकली होता है।
इंस्टाग्रम, व्हटसएप्प या ऑनलाइन डेटिंग ऐप पर अपने प्रेफाइल में मनमोहक फोटो लगाने वाली खूबसूरत लड़की असल में लड़के होते हैं। इस प्रकार का गैंग अलग- अलग लड़कियों की फोटो के जरिए अलग अलग नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाकर युवकों से पहले डेटिंग ऐप या सोशल मीडिया पर दोस्ती करते हैं।
इसके बाद रात में (SP) फेसबुक मैसेंजर य वॉट्सऐप पर वीडियो कॉल कर न्यूड विडियो बना लेते हैं। दरअसल, ये साइबर क्रिमिनल वीडियो कॉलिंग के दौरान मोबाइल फोन पर स्क्रीन रिकॉर्ड को ऑन कर रिकॉर्डिंग कर लेते हैं। इसके बाद बैकग्राउंड में पहले से बनाई लड़की के न्यूड होने की वीडियो प्ले कर देते हैं। और फिर बाद में इसी वीडियो को आपके फेसबुक (SP) मित्रों और रिश्तेदारों को भेजने की धमकी देकर ब्लैकमेल करते हैं। अतः सतर्क रहें।
निम्नलिखित (SP) सावधानियों से आप इस प्रकार की साइबर जालसाजी से बच सकते हैं-
1. सोशल मीडिया अकाउंट के प्रोफाइल को हमेशा लॉक रखें तथा अपने फेसबुक मित्रों की लिस्ट को प्राइवेट रखें। किसी भी अन्जान व्यक्ति से सोशल मीडिया आदि पर मित्रता न करें।
2. अंजान नम्बर से वीडियो कॉल को रिसीव ना करें।
3. यदि घटना घटित हो गई है और आपकी या किसी अन्य की ऐसी वीडियो यूट्यूब आदि किसी प्लेटफार्म पर अपलोड कर दी गई है तो उसे तुरंत रिपोर्ट कर दें ऐसा करने पर यूट्यूब उस वीडियो को अपने प्लेटफार्म से हटा देगी।
4. यदि आपके साथ या किसी अन्य के साथ इस प्रकार का फ्रॉड हो जाता है तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 या नजदीकी पुलिस थाना में जाकर थाना में स्थापित साइबर डेस्क जाकर शिकायत दर्ज करवाएं।
साइबर अपराध से बचाव इस अपराध के प्रति जागरूकता से ही संभव है।