jind pollution : हरियाणा का जींद प्रदूषण की चपेट में, ग्रैप लागू

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jind pollution : हरियाणा का जींद प्रदूषण की चपेट में, ग्रैप लागू
Last updated: 24/10/2023 2:27 PM
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jind pollution

jind pollution : प्रदूषण का स्तर 227 पहुंचने के चलते सरकार ने लिया फैसला

jind pollution : हरियाणा का जींद जिला एक बार फिर से प्रदूषण की चपेट में आ गया है। जिले में दोबारा प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है। पिछले दिनों हुई वर्षा से वातावरण साफ हो गया था और पीएम 2.5 का स्तर 100 से भी नीचे चला गया था। पिछले चार दिनों से प्रदूषण के स्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। रविवार को प्रदूषण का औसतन स्तर 155 था  वहीं सोमवार को बढ़कर 227 पर पहुंच गया।

दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान ग्रैप का दूसरा चरण लागू कर दिया है। एनसीआर में शामिल होने की वजह से जींद जिले में भी ये नियम लागू होंगे। वर्षा के चलते पिछले फसल अवशेष जलने के मामलों में कमी आई थी। लेकिन दोबारा फिर फसल अवशेष जलाने के मामले आने लगे हैं। रविवार तक कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार सीजन में 78 जगह पर फसल अवशेष जले पाए गए थे।

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jind pollution

जिसमें 81 एकड़ 24 कनाल 75 मरले में फसल अवशेष जलने पर 58 किसानों के चालान करते हुए एक लाख 95 हजार रुपये जुर्माना किया था। वहीं सोमवार को पांच और नए केस आए। जिससे कुल 83 जगह 106 एकड़ए 17 कनालए 62 मरले में फसल अवशेष जलाने पर संबंधित किसानों पर दो लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना किया जा चुका है।

नरवाना ब्लाक में सबसे ज्यादा 39 जगह और उचाना में 23 जगह फसल अवशेष जले हुए पाए गए हैं। इस समय तक पिछले साल जिले में आगजनी की हरसैक से 50 लोकेशन मिली थी। जबकि इस बार अब तक हरसैक की तरफ से 92 लोकेशन भेजी जा चुकी हैंए वहीं बाकी स्थानों पर प्रशासन के निरीक्षण में भी फसल अवशेष जले हुए पाए गए हैं।

एयर क्वालिटी इंडेक्स

23 अक्टूबर 227

22 अक्टूबर 155

21 अक्टूबर 153

20 अक्टूबर  131

19 अक्टूबर 75

18 अक्टूबर  60

17 अक्टूबर  51

 

(jind pollution) दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान ग्रैप का दूसरा चरण लागू कर दिया है। एनसीआर में शामिल होने की वजह से जींद जिले में भी ये नियम लागू होंगे। वर्षा के चलते पिछले फसल अवशेष जलने के मामलों में कमी आई थी। लेकिन दोबारा फिर फसल अवशेष जलाने के मामले आने लगे हैं। रविवार तक कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार सीजन में 78 जगह पर फसल अवशेष जले पाए गए थे।

नरवाना ब्लाक  (jind pollution) में सबसे ज्यादा 39 जगह और उचाना में 23 जगह फसल अवशेष जले हुए पाए गए हैं। इस समय तक पिछले साल जिले में आगजनी की हरसैक से 50 लोकेशन मिली थी। जबकि इस बार अब तक हरसैक की तरफ से 92 लोकेशन भेजी जा चुकी हैंए वहीं बाकी स्थानों पर प्रशासन के निरीक्षण में भी फसल अवशेष जले हुए पाए गए हैं।

फसल अवशेष जलाने वालों पर कर रहे जुर्माना

जिला कृषि उप निदेशक डा गिरिश नागपाल ने बताया कि जिले में फसल अवशेष ना जलें इसको लेकर प्रशासन अलर्ट है। पिछले साल के केस के हिसाब से गांवों को रेड व येलो जोन में बांट कर स्टाफ की ड्यूटी लगाई हुई है। जो किसान फसल अवशेष जला रहे हैं उन पर जुर्माना लगाया जा रहा है। किसानों से अपील है कि फसल अवशेष जलाने की बजाय खेत में ही उसका उचित प्रबंधन करें। जिसके लिए अनुदान पर किसानों को कृषि यंत्र भी उपलब्ध करवाए गए हैं। जिले में फसल अवशेष ना जलें इसको लेकर प्रशासन अलर्ट है। पिछले साल के केस के हिसाब से गांवों को रेड व येलो जोन में बांट कर स्टाफ की ड्यूटी लगाई हुई है। jind pollution

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