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world cup final : क्रिकेट विश्व कप में भारतीय टीम अपने खुद के बने हुए जाल में उलझ गई और विश्व कप के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। भारतीय टीम टीम के इस्तेमाल की गई धीमी पिच पर मैच करवाकर आस्ट्रेलिया को उलझाने का प्लान बनाया थ्ज्ञाए लेकिन खुद ही उस जाल में उलझ गए। अच्छी शुरुआत के बाद रोहित खराब शाट खेलकर विकेट दे गए, इसके बाद बल्लेबाजी दबाव में आ गई।. विराट और राहुल ने लड़खड़ाती पारी को संभालाए लेकिन इस दौरान रन बेहद धीमी गति से बने।
सूर्यकुमार यादव रन बनाने के लिए जूझते दिखेए जिससे अंतिम ओवर में तेजी से रन नहीं बना सके। फाइनल में भारतीय टीम का क्षेत्ररक्षण भी औसत दिखाए राहुल विकेट के पीछे भारी दबाव में दिखे। गेंदबाजों ने शुरुआत में तीन विकेट लेकर दवाब बनायाए लेकिन हेड.लाबुशेन की जोड़ी को परेशान नहीं कर पाए।
ट्रेविस हेड की 137 रनों की पारी से आस्ट्रेलियाई टीम छठी बार विश्व चैंपियन बनी जबकि दो बार वनडे विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का 10 साल से आइसीसी ट्राफी का सूखा अब भी जारी है। आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सामने लोकेश राहुल 66 और विराट कोहली 54 ही अर्धशतक बना सके और पूरी टीम 50 ओवर में 240 रनों पर सिमट गई। आस्ट्रेलिया ने 43 ओवरों में चार विकेट के नुकसान पर ही जीत हासिल कर ली। मार्नस लाबुशेन 58 रन बनाकर अविजित रहे।
भारत की खराब रणनीति world cup final :
world cup final : भारतीय कोच राहुल द्रविड़ पूरे विश्व कप के दौरान हर आयोजन स्थल में पहुंचते ही सीधे मैदान पर पिच देखने पहुंचते थे। शुरुआती 10 मैचों में उन्हें इसका फायदा मिला लेकिन महामुकाबले में यह दांव फेल हो गया। फाइनल से पहले अहमदाबाद में पहुंचते ही उन्होंने नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में भी ऐसा ही किया। इसके बाद भारत और पाकिस्तान मैच में इस्तेमाल हुई पिच पर फाइनल कराने का निर्णय हुआ। शुक्रवारए शनिवार को पिच पर बहुत कम पानी डाला गया और हैवी रोलर चलाया गया।
world cup final : इससे पिच सूख गई और धीमी हो गई। भारत की बल्लेबाजी जब अच्छी चल रही थी तो बल्लेबाजों के मुफीद पिच पर खेलने की जगह धीमी पिच पर खेलने का दांव उल्टा पड़ गया। टीम प्रबंधन की रक्षात्मक रणनीति भारत के विश्व चैंपियन बनने की राह में रोड़ा साबित हुई।
भारतीय टीम इससे पहले चिन्नास्वामी और वानखेड़े स्टेडियम जैसे बड़े स्कोर वाले मैदान पर पिछले दो मैच खेलकर आई थी लेकिन शायद टीम प्रबंधन के दिमाग में सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी चल रही थी। सेमीफाइनल में 398 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए न्यूजीलैंड ने एक समय 32.3 ओवर में तीन विकेट पर 220 रन बना लिए थे। यही सोचकर शायद यहां पर मैच धीमी पिच पर कराने का निर्णय लिया गया लेकिन आस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने शनिवार की सुबह नरेन्द्र मोदी स्टेडियम पहुंचते ही पिच की फोटो खींची।
world cup final : उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा था कि मुझे पिच की उतनी समझ नहीं है लेकिन उन्होंने जो फोटो ली उस पर टीम ने रणनीति बनाई। पिच पर जो पैच स्पिनरों के टर्न के लिए दिखाई दे रहे थे उन पर आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों ने गेंद को पटका। इससे भारतीय बल्लेबाजों को असामान्य उछाल का सामना करना पड़ा। कंगारुओं ने अंतिम के ओवर में उन्हीं पैचों से गेंद को रिवर्स भी कराया। भारत ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के दौरान इंग्लैंड में बादल देखते हुए पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया था,
जबकि मौसम विभाग कह रहा था कि 45 मिनट बाद धूप खिल जाएगी। वहां पर भी वह दांव उल्टा पड़ा था। वहां पर भी ट्रेविस हेड ने शतक ठोका था। यहां पर भी कुछ वैसा ही हुआ। भारत जब जब अपने बल्लेबाजों और गेंदबाजों की जगह पिच पर भरोसा करता है तब तब उसे मात खानी होती है।
world cup final : भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि नतीजा हमारे पक्ष में नहीं रहा। फाइनल में हमारा प्रदर्शन आशा के अनुरूप नहीं रहा। हमने हर संभव प्रयास कियाए लेकिन शायद यह काफी नहीं था। 20.30 रन और बनाना सही रहताए केएल राहुल और कोहली ने अच्छी साझेदारी की और हम 270.280 रन तक जाते दिख रहे थेए लेकिन हमने विकेट गंवा दिए। मैं कोई बहाना नहीं देना चाहताए हमने ज्यादा रन नहीं बनाए। world cup final:
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