हरियाणा रोडवेज की E-ticketing व्यवस्था में बड़ी सेंधमारी, अंबाला, भिवानी और करनाल में हुआ लाखों रुपये का घोटाला

Priyanka Sharma

Haryana Roadways E-ticket: हरियाणा रोडवेज में टिकटों का फर्जीवाड़ा रोकने के लिए हाल ही में ई-टिकटिंग सुविधा शुरू की गई थी, जिसकी मदद से सामान्य टिकटिंग व्यवस्था में होने वाले फर्जीवाड़े को पूरी तरह से बंद किया जा सके. लेकिन फर्जीवाड़े को रोकने के लिए शुरू की गई इस योजना में भी भ्रष्टाचार की खबरें सामने आ रही हैं.

रोडवेज कर्मचारियों पर ई-टिकटिंग के माध्यम से पैसों का हेर-फेर करने का मामला सामने आया है.

अंबाला, भिवानी और करनाल में कुछ कर्मचारियों द्वारा ई-टिकटिंग सुविधा में फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है, जिसके बाद रोडवेज विभाग ने कई कर्मचारियों और परिचालकों पर कार्रवाई भी शुरू कर दी है. साथ ही इस मामले की जांच की आदेश भी दिए हैं.

वहीं दूसरी ओर रोडवेज यूनियन कर्मचारियों के समर्थन में खड़ी है. रोडवेज यूनियन के नेताओं को कहना है कि इसमें कर्मचारियों की कोई गलती नहीं है बल्कि जो मशीनें लगाई गई हैं उनमें ही कमी है. जिसकी वजह से पैसों का सही मिलान नहीं हुआ.

अगर एक परिचालक एक रूट खत्म करके दूसरे रूट पर निकलता है तो मशीन में पिछले रूट का डाटा खत्म हो जाता है. इसलिए परिचालक से अगर पहले ही पिछले रूट के पैसे ले लिए जाते तो यह गड़बड़ी नहीं होती.

E-ticket सिस्टम क्या है?

हरियाणा रोडवेज द्वारा फर्जीवाड़ा रोकने के लिए ई-टिकटिंग सुविधा की शुरुआत की गई थी, जिसमें बस के अंदर ही यात्री UPI, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या किसी भी ऑनलाइन माध्यम से पेमेंट करके टिकट खरीद सकते हैं. पमेंट के बाद यात्रियों को एक प्रिटेंड टिकट दी जाएगी, जिसमें उनकी यात्रा की सभी जानकारी होगी.

कैसे होती है गड़बड़ी?

नई ई-टिकटिंग प्रणाली में टिकटें मशीन द्वारा काटी जाती‌ हैं. जब परिचालक एक रूट खत्म कर दूसरे रूट पर जाता है और मशीन में नया रूट डाला जाता है तब पिछले रूट का डाटा डिलीट हो जाता है. इसकी वजह से यह पता नहीं चलता कि पिछले रूट में कितनी टिकट काटी गईं थीं.

वहीं इस मामले में कर्मचारियों पर आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर ऐसा किया ताकि पैसे का गोलमाल किया जा सके.

फिलहाल मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और रिपोर्ट आने के बाद ही मामले की सच्चाई सामने आ सकेगी.

 

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