Jind Principle case : 142 में से मात्र छह छात्राओं ने दर्ज करवाए बयान, आईपीएस दीप्ति गर्ग ने दी ये जानकारी
Jind Principle case : हरियाणा के जींद के उचाना में एक सरकारी स्कूल प्राचार्य द्वारा छात्राओं के साथ छेड़छाड़, गंदी हरकतें करने के मामले में एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट पूरी कर बुधवार को कोर्ट में चार्जशीट पेश की। चार्जशीट के आधार पर अब कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी।
इस मामले में एसआईटी इंचार्ज आईपीएस (IPS) दीप्ति गर्ग ने प्रेस कान्फ्रेस कर जानकारी देते हुए बताया कि चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी गई है। स्कूल में जितनी भी छात्राएं थी, सभी की काऊसिलिंग की गई है। छह छात्राओं के आईपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज कर सबमिट किए गए हैं। एसआईटी इंचार्ज दीप्ति गर्ग ने बताया कि उचाना के एक सरकारी स्कूल में छात्राओं द्वारा प्राचार्य के खिलाफ पांच पेज का शिकायत पत्र राष्ट्रपति, महिला आयोग, राज्यपाल को भेजा गया था।
इसके बाद राज्य महिला आयोग ने जांच की और चार नवंबर को आरोपी प्राचार्य करतार सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। दो दिन के रिमांड के बाद प्राचार्य को जेल भेज दिया गया। आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट, एससी एसटी एक्ट समेत कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। उसके बाद शिक्षा विभाग, जिला प्रशासन, महिला आयोग द्वारा अलग-अलग मामले की जांच की गई और स्कूल में सभी छात्राओं से व्यक्तिगत अकेले में बात कर उनकी काऊसिलिंग की गई और बयान दर्ज किए गए।
आईपीएस दीप्ति गर्ग ने यह भी बताया कि आरोपी प्राचार्य के मोबाइल फोन को रिकवरी के लिए लैब में भेजा गया है तो वहीं कुछ छात्राओं के सुसाइड किए जाने के एंग्ल से भी जांच की गई लेकिन ऐसा कोई तथ्य या सबूत नहीं मिल पाया, जिससे साबित हो कि छात्राओं ने प्राचार्य से प्रताडि़त होकर सुसाइड किया हो। प्राचार्य के साथ एक गैस्ट अध्यापिका की मिलीभगत के बारे में भी पुलिस को कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।
आईपीएस दीप्ति गर्ग ने बताया कि मामले की जांच अभी भी जारी है। पुलिस को अगर कोई और सबूत मिलता है या किसी की काऊसिंलिंग रहती है तो वह की जाएगी।
आईपीएस दीप्ति गर्ग की वीडियो देखें, क्या कहा-