हरियाणा रोडवेज में 25 लाख रूपए का ई-टिकटिंग घोटाला सामने आया है। दरअसल परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए ई-टिकटिंग शुरू की थी लेकिन करीब 25 कर्मचारियों ने मिलकर ई-टिकटिंग के नाम पर ही घोटाला कर डाला। हालांकि जब मामले की जांच होगी तो यह घोटाले का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। इस पूरे घोटाले को रोडवेज परिचालक बुकिंग ब्रांच और ड्यूटी सेक्शन के कर्मचारियों व अधिकारियों के साथ मिलकर अंजाम दिया।
काबिलेगौर है कि राजस्व (E-ticketing scam) लीकेज रोकने के लिए 29 नवंबर 2022 को कुरुक्षेत्र से राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने ई-टिकटिंग योजना की शुरुआत की थी। शुरुआत में प्रदेश के छह जिलों में इसे लागू किया गया था। अप्रैल तक इस योजना को पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया था। इसमें साधारण टिकट की बजाए मशीन से ऑनलाइन टिकट काटकर यात्री को दे दी जाती हैं।
ई-टिकट में चालक- परिचालक की आइडी, बस नंबर, बस टाइप, कहां से कहां तक यात्रा, कुल दूरी और किराए जिक्र है। नियमानुसार ड्यूटी खत्म करने के बाद रोटेशन वाइज कैश जमा होता है। ऐसे परिचालक जो लंबे रूट पर चलते हैं वह दो दिन बाद कैश जमा करवाते हैं। जबकि छोटे रूट वाले परिचालक (E-ticketing scam) रोजाना कैश जमा करवा ड्यूटी क्लॉज करवा देते हैं।
ड्यूटी क्लॉज करवाते ही मशीन का सारा रिकॉर्ड शून्य हो जाता है और नए रूट के हिसाब से मशीन फिर से ई-टिकटिंग का रिकॉर्ड बना देती है। कई बार आपातपरिस्थिति का बहाना बनाकर कर्मचारी, ड्यूटी सेक्शन में फोन कर फ्लां रूट पर जा रहा हूं, कहकर अपनी उस दिन की ड्यूटी क्लॉज कर दूसरे रूट पर (E-ticketing scam) ड्यूटी लगवा लेते हैं। ऐसा करने के लिए पहला रूट क्लॉज करना होता है। इन कर्मचारियों ने जो रूट क्लॉज करवाया उस दिन का रुपया ही जमा नहीं करवाया जबकि अगले रूट का पैसा जमा करवा दिया।
बस चेकिंग के दौरान यह पर्दाफाश हुआ था। एक कर्मी पर 1.60 लाख, एक पर 67 हजार और एक पर करीब 80 हजार रुपये कैश जमा नहीं करवाने के आरोप हैं जबकि शेष पर यह आंकड़ा 5 हजार रुपये से कम का है। शुरूआती जांच में सामने आया है कि करीब 25 कर्मचारियों के नाम मुख्यालय स्तर से जारी किए (E-ticketing scam) गए हैं, जिन्होंने इस घोटाले को अंजाम दिया। करीब तीन महीनों से इस घोटाले को अंजाम दिया जाता रहा। जिसकी जिलास्तर के महाप्रबंधकों को भनक तक नहीं लगी. बड़ी बात यह है कि जब इन परिचालकों ने कैश जमा ही नहीं करवाया तो इस अवधि में कैशबुक मिलान अधिकारियों ने कैसे किया? इसी तरह बिना कैश लिए ड्यूटी सेक्शन ने (E-ticketing scam) इन परिचालकों की ड्यूटी क्लाज कैसे की ? इस तरह अधिकारी ही कर्मचारियों के कारनामे पर पर्दा डालते रहे।
एक कर्मी का वेतन रोका, दो ने जमा करवाने के लिए मांगा समय
घोटाला उजागर होने के बावजूद अभी तक महाप्रबंधक ने किसी भी कर्मी पर केस दर्ज नहीं करवाया। हालांकि एक कर्मी का वेतन रोक लिया गया है क्योंकि वह कई दिनों से गैर हाजिर चल रहा है जबकि दो कर्मियों को पैसे जमा करवाने का समय दिया गया है। हालांकि नियमानुसार सरकारी रुपया तीन महीने से अपने पास रखने और सरकार को धोखा देने पर केस दर्ज (E-ticketing scam) करवाया जाना चाहिए थे जोकि नहीं करवाया गया।
छह-सात कर्मचारियों का नाम आया सामने
अंबाला में करीब 6-7 कर्मचारियों के नाम आए हैं। उनसे रिकवरी की जा रही है। यदि वह रुपये जमा नहीं करवाते तो केस भी दर्ज करवाया जाएगा।
-अश्वनी डोगरा, महाप्रबंधक, अंबाला रोडवेज।