जींद में डीसी को सौंपा राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन, जानिए कानून में क्या संशोधन चाहती हैं खाप पंचायतें
Haryana Khap Panchayats : हरियाणा के जींद में खाप पंचायतें लिव इन रिलेशनशिप और लड़कियों के विवाह की न्यूनतम आयु 21 साल किए जाने के विरोध में उतर आई हैं। खापों के प्रधानों ने मिलकर बुधवार को डीसी मोहमद इमरान रजा के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा और दोनों ही कानूनों को निरस्त करने की मांग की।
बुधवार को सर्व जातीय खाप के प्रधान और प्रतिनिधि लघु सचिवालय में पहुंचे। यहां सर्व खाप पंचायत प्रवक्ता उमेद सिंह जागलान, बिनैन खाप के ईश्वर नैन, दाडऩ खाप से सूरजभान, थुआ तपा से सोमदत्त शर्मा, खेड़ा खाप से सतबीर शर्मा, कालवा खाप से दिलबाग, माजरा खाप से गुरविंद्र सिंह, समुंद्र सिंह फोर, कंडेला खाप से ओमप्रकाश, उझाना खाप से रोहताश, दलाल खाप से होशियार सिंह, बलबीर सिंह चहल, हरपाल सिंह ढुल, नौगामा तपा से सुरेश बहबलपुर समेत काफी गणमान्य लोग (Haryana Khap Panchayats) पहुंचें।
डीसी से मिलते हुए प्रवक्ताओं ने बताया कि आज के सभ्य समाज में कुछ सामाजिक कानून संविधान में लागू कर दिए गए है। जिसका समाज पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है, जिस कारण परिवारों में विपरीत परिस्थितियों पैदा हो रही है। इससे समाज को बचाया जाना जरूरी है। संविधान में इस कानून का संशोधन करके ही समाज को बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया (Haryana Khap Panchayats) कि लिव इन रिलेशनशिप में रहने के लिए उम्र की कोई आयु सीमा निर्धारित सपष्ट नहीं की गई है और ना ही इसमें परीवार व समाज को ईकाई माना गया है।
इस कानून के कारण जो संतान सम्बंधित व्यक्तियों से होगी, उसका पालन पोषन व उत्तराधिकारी की जिम्मेदारी किसकी होगी यह भी सपष्ट नहीं है। कितनी उम्र का लड़का या व्यक्ति तथा औरत या लडक़ी साथ-साथ रह सकते हैं। क्या इसमें परिवार व माता पिता की सहमति जरूरी है या नहीं, क्या व्यक्ति / औरत शादीशुदा होने के बाद भी लिव इन रिलेशन में रह सकते है, क्या इसमें संबंधित व्यक्ति / औरत आदि की संतानों की सहमति (Haryana Khap Panchayats) जरूरी है या नहीं।
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लिव इन रिलेशन में जो संतान पैदा होगी, क्या उससे सम्पत्ति व पारिवारीक विवाद नहीं बढ़ेंगे। इस तरह की स्थिति को स्पष्ट नहीं किया गया है। इस कानून में संशोधन किया जाना चाहिए। लिव इन रिलेशनशिप में रहने के लिए माता या पिता में से एक की सहमति जरूरी होनी चाहिए। इसके अलावा देश व समाज में बहुत से वर्ग, जातियों के लोग गरीब व (Haryana Khap Panchayats) अनपढ है, जिससे बच्चों की शादी की उम्र विभिन्न परिस्थितियों पर निर्भर करती है।
इसलिए शादी की न्यूनतम आयु 18 से 21 किया जाना सही नहीं है। इस विषय पर भी कानून में संशोधन करके आयु सीमा पर विचार करना चाहिए। खाप प्रतिनिधियों ने डीसी से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर अनुरोध किया कि इन विषयों पर विचार किया जाना चाहिए।