Crèche centers : हरियाणा में कामकाजी महिलाओं के लिए खोले गए क्रेच के लिए अब मामूली फीस अदा करनी होगी। फीस भी इसलिए ताकि खर्चों को कंट्रोल किया जा सके और बच्चों को और अधिक सुविधाएं मुहैया करवाई जा सकें।
प्रदेशभर में अभी तक 170 के करीब क्रेच महिला एवं बाल विकास विभाग खोल चुका है। अगले साल 31 मार्च तक इनकी संख्या बढ़ाकर 500 करने का टारगेट रखा है। नियमों में बदलाव करते हुए सरकार ने (Crèche centers) कामकाजी महिलाओं के लिए क्रेच में बच्चों को रखने के लिए फीस लेने का फैसला किया है। इस संदर्भ में सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।
इसके लिए परिवार पहचान पत्र में दर्शाई गई आमदन को आधार बनाया है। सरकार के द्वारा खोले गए क्रेच में पहले किसी तरह की फीस लेने का कोई प्रावधान नहीं था। अब विभाग ने फीस लेने का नया फैसला किया है। हरियाणा सरकार द्वारा (Crèche centers) कामकाजी महिलाओं की मदद के लिए छह माह से लेकर छह वर्ष तक के बच्चों को रखने के लिए विभिन्न जिलों में क्रेच खोले हैं। क्रेच महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से चलाए जा रहे हैं।
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इनमें समुदाय की भागीदारी को बढ़ाने का तर्क देते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग ने लिया मासिक फीस तय करने का फैसला है। दरअसल, क्रेच में बच्चों को 8 घंटे तक रखा जाता है। बच्चों की देखरेख के अलावा उनके खाने-पीने, खेलने और लर्निंग का प्रबंध भी क्रेच में किया गया है।
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