Disabled pension fraud : जींद में दिव्यांग पेंशन बनवाने में बड़ा फर्जीवाड़ा, 6 प्रतिशत दिव्यांग होने पर भी ले रहे थे पेंशन

Priyanka Sharma
Disabled pension fraud Big fraud in making disabled pension in Jind, people were taking pension despite being 6 percent disabled

Disabled pension fraud : बड़े गिरोह का हो सकता है पर्दाफाश, दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज

Disabled pension fraud : हरियाणा के जींद में छह प्रतिशत दिव्यांग होते हुए भी शत प्रतिशत दिव्यांग होने का सर्टिफिकेट बनवाकर उसके आधार पर पेंशन लेने का मामला सामने आया है। इसमें बड़े फर्जीवाड़े की बू आ रही है कि किस प्रकार से यह फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाया गया और किस तरह से फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट के आधार पर पेंशन शुरू हुई। फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने वाले दंपत्ति के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेने समेत विभिन्न धाराओं के खिलाफ केस दर्ज हुआ है।

पुलिस को दी शिकायत में उचाना के गांव सुदकैन खुर्द निवासी राहुल पुत्र नवरत्न ने पुलिस को शिकायत देते हुए बताया कि गांव का राजेंद्र पुत्र जीता राम और उसकी पत्नी माया देवी ने धोखाधड़ी से फर्जी कागजातों का सहारा लेकर फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट (Disabled pension fraud) बनवाया हुआ है। राजेंद्र फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट बनाने वाले गिरोह में काम करता है। राजेंद्र और उसकी पत्नी दोनों पूरी तरह से स्वस्थ हैं लेकिन पिछले कई सालों से दिव्यांग की पेंशन ले कर सरकार को चूना लगा रहे हैं।

 

Disabled pension fraud Big fraud in making disabled pension in Jind, people were taking pension despite being 6 percent disabled
Disabled pension fraud Big fraud in making disabled pension in Jind, people were taking pension despite being 6 percent disabled

 

इतना ही नहीं, राजेंद्र ने और भी सैकड़ों लोगों के फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवा रखे हैं। उनकी मांग है कि सिविल सर्जन कार्यालय द्वारा तीन सदस्यों का बोर्ड बनाकर इनकी फिजिकल जांच करवाई जाए और इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। इतना ही नहीं, शत प्रतिशत स्वस्थ व्यक्ति का दिव्यांग सर्टिफिकेट बनाने वाले गिरोह का भी पर्दाफाश (Disabled pension fraud) किया जाए।

मेडिकल जांच बोर्ड में हुआ खुलासा
राहुल की शिकायत के बाद डीएसपी उचाना द्वारा राजेंद्र और उसकी पत्नी को जांच में शामिल कर सिविल सर्जन द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड द्वारा उनकी फिजिकल जांच के बाद रिपोर्ट ली तो इसमें दोनों मात्र छह प्रतिशत ही दिव्यांग मिले, जबकि पेंशन शत प्रतिशत दिव्यांग को ही मिलती है। इससे पता चला कि दोनों ने धोखाधड़ी कर फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट (Disabled pension fraud) बनवाए।

 


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डीएसपी की सिफारिश पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने राजेंद्र और उसकी पत्नी माया देवी के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पेंशन बनवाकर सरकार को आर्थिक हानि पहुंचाने समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू (Disabled pension fraud) कर दी।

 

 


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