Delhi Graded Response Action Plan : दिल्ली-एनसीआर में पराली जलने के कारण वायु प्रदूषण की मात्रा दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। इसको लेकर दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए प्रदूषण गहराने से पहले ही ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू कर दिया जाएगा। यानी वायु गुणवत्ता खराब या बहुत खराब स्तर पर पहुंचने के संकेत मिलने पर वास्तव में स्थिति खराब और बहुत खराब होने से पहले ही एडवांस में ग्रेप लागू किया जाएगा ताकि प्रदूषण को कंट्रोल किया जा सके।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने सितंबर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान पर विचार के बाद यह फैसला लिया। आयोग ने यह बात सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई रिपोर्ट में कही है। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए वैसे तो 2017 से ग्रेप लागू है। ग्रेप में वायु गुणवत्ता खराब होने की स्थिति को देखते हुए कुछ नियंत्रण लागू किये जाते हैं जैसे जैसे स्थिति बिगड़ती है नियंत्रण और कड़े हो जाते हैं।
201 से 300 के बीच का ग्रेप मानक क्या कहलाता है ?
हमारे पाठकों को बता दें कि, ग्रेप के चार स्तर हैं, खराब, बहुत खराब, गंभीर और अति गंभीर। जब दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 201 से 300 के बीच होता है तो उसे खराब माना जाता है और तब ग्रेप वन के नियंत्रण लागू होते हैं जैसे प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों और थर्मल पावर प्लांटों पर नियंत्रण, होटल रेस्त्रां और खुले भोजनालयों में तंदूर में कोयला और लकड़ी जलाने पर रोक, निर्माण और विध्वंस परियोजनाओं में धूल शमन के दिशा निर्देशों का पालन करना, कचरे का ठोस पर्यावरणीय प्रबंधन आदि।
निर्माण और तोड़फोड़ पर बैन
यदि दिल्ली एनसीआर में एक्यूआई 301 से 400 के बीच रहता है तो उसे बहुत खराब माना जाता है और ग्रेप का दूसरा चरण लागू होता है जिसमें पार्किंग शुल्क बढ़ाना, सीएनजी व इलेक्टि्रक बस व मैट्रो की सेवाएं बढ़ाना शामिल है। एक्यूआइ के 401 से 450 रहने को घातक माना जाता है और ग्रेप का तीसरा चरण लागू होता है जिसमें दिल्ली एनसीआर में पेट्रोल की बीएस 3 कारो और डीजल की बीएस 4 कारों पर रोक लग जाती है।
एक्यूआई के 450 से ऊपर रहने को अति गंभीर माना जाता है और ऐसा होने पर ग्रेप का चौथा चरण लागू होता है जिसमें दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर रोक, सिर्फ जरूरी सामान की आपूर्ति वाले सीएनजी वाहनों को प्रवेश मिलता है। दिल्ली में डीजल के हल्के और भारी माल-वाहकों पर बैन रहता है। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में एक अक्टूबर को दाखिल रिपोर्ट में कहा है कि, वायु प्रदूषण को प्रभावी ढंग से कंट्रोल करने के लिए ग्रेप पर विचार हुआ और इसे रिपाइज किया गया है।
कब लागू होगा ग्रेप ?
हमारे पाठकों को बता दें कि, ग्रेप को वायु प्रदूषण बढ़ने के मौसम विभाग (आइएमडी) और आइआइटीएम की भविष्यवाणी और अन्य संकेतों को देखते हुए पहले से लागू करने का फैसला लिया गया है। अब सिस्टम ज्यादा सटीक हो गया है और पहले से ही मौसम और वायु गुणवत्ता की स्थिति के सटीक संकेत मिल जाते हैं ऐसे में स्थिति खराब होने के संकेत मिलते ही ग्रेप लागू किया जाएगा। आयोग ने एडवांस एक्शन प्लान तैयार करने और ग्रेप में जरूरी निर्देश जारी करने के लिए एक सब कमेटी भी गठित की है।