शादी के बाद जब सुहागरात का समय आया तो रोशन ने कुछ ऐसा किया कि मेरा सब कुछ बिखऱ गया। मैं रात को सुहागरात में बैड पर इंतजार कर रही थी, रात को करीब 1 बजे रोशन कमरे में आया। उसने आते ही मेरी तरफ हल्की सी मुस्कुराहट दी।
मुझे फील हुआ कि अब कुछ खास होने वाला है, लेकिन रोशन ने ऐसा कुछ नहीं किया। वो मेरे पास भी नहीं आया और वो बैड के दूसरे कोने पर जाकर सो गया। मैं पूरी रात इंतजार करती रही लेकिन रोशन ने कुछ भी नहीं किया।
इस घटना के बाद मैं काफी चकित थी लेकिन मैंने कहीं जिक्र नहीं किया, क्योंकि मुझे लगा कहीं रोशन पार्टी और शादी की वजह से थका हुआ है लेकिन उसने कुछ नहीं किया है लेकिन आगे भी कुछ दिन तक ऐसा ही चलता रहा और इसके बाद वो वापस विदेश चला गया।
मैं निराश हो चुकी थी, लेकिन घर पर भी इसका जिक्र नहीं कर पा रही थी, लेकिन उसके दो दिन बाद ड्राइवर के साथ मुझे सास बुआ के घर जाना पड़ा। रास्ते में ही ड्राइवर ने मुझे छोले भटूरे की अच्छी दुकान दिखाई, वहां पर हम दोनों ने खाना खाया।
इसके बाद ड्राइवर के साथ मेरी बातचीत होने लगी। वो करीब 24 साल का जवान लड़का था उसकी हाईट भी करीब 6.5 फीट थी और वह दिखने में भी सुंदर था। अब धीरे धीरे हम दोनों की दोस्ती बढ़ने लगी थी।
4-5 दिन बाद सास और ससुर को अचानक किसी रिश्तेदारी में जाना हुआ। ड्राइवर उनको रेलवे स्टेशन पर छोड़कर वापस आया तो घर में मैं और ड्राइवर अकेले ही थे। मैंने आते ही ड्राइवर को खाना खिलाया।
इसके बाद मैं नहाने के लिए चली गई। वो बाहर के कमरे में टीवी देखने लगा। उसने कार की सफाई करके गैराज में खड़ा कर दिया था और बाहर के गेट को बंद कर दिया था। आज मैं और ड्राईवर की घर पर थे। सास ससुर दो दिन के लिए रिश्तेदारी में चले गए थे और पति विदेश में गया था।
ड्राइवर को खाना खिलाने के बाद मैं फ्री हो गई थी और अब नहाने की तैयारी कर रही थी। नहाने के लिए जैसे ही बाथरुम में गई तो वहां पर पानी नहीं आ रहा था। इसके बाद मैंने ड्राइवर को नल देखने के लिए बुलाया।
मैं और ड्राइवर बाथरुम में थे। बाहर के सभी गेट बंद थे। वो जैसे ही बाथरुम का नल ठीक कर रहा था तो अचानक ही नल के पूरे पानी से हम दोनों भीग गए। इसके बाद नल तो चल गया लेकिन हम दोनों भीग चुके थे। मैंने ड्राइवर को कपड़े बदलने के लिए कहा।
वो बाथरुम में कपड़े बदलने लगा, मेरी भी साड़ी पूरी तरह से भीग चुकी थी। उसने मुझे कहा- भाभीजी आप भी कपड़े बदल लो, मैं बाहर के कमरे में जाता हूं। लेकिन उसका गठीला शरीर देखकर मेरा मन मचल रहा था, मैं उसके पास में ही खड़ी हो गई और उसको जोर से पकड़ लिया।
अब उससे भी रुका नहीं गया और उसने भी मेरे को जोर से पकड़कर कहा- भाभीजी साड़ी उतार दो, सर्दी लग जाएगी। उसके बाद हम दोनों बैड पर आ गए और मैंने गीली साड़ी उतार दी। अब हम दोनों ने कपड़े ऊतार दिये थे और दोनों ही बैड पर मस्ती करने लगे।
सास ससुर दो दिन बाद आए तो इतने हमने फुल मस्ती की। ड्राइवर के घोड़े की स्पीड ने मेरी हालत बिगाड़ दी थी लेकिन मन ही मन में बहुत खुश हो रही थी। उसके तेज स्पीड घोड़े ने मेरे शरीर में अलग ही रंग ला दिया था।
अब हम सास ससुर की गैरमौजूदगी में संबंध बनाने लगे थे।