हरियाणा में धर्मार्थ (चैरिटेबल) शिक्षण संस्थानों, अस्पतालों और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के स्कूलों को संपत्ति कर में 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। चैरिटेबल शिक्षण संस्थानों और अस्पतालों में दुकानें और शाॅपिंग काॅम्प्लेक्स सहित अन्य वाणिज्यिक गतिविधियां भी संचालित की जा सकेंगी, लेकिन इसके लिए सरकार वाणिज्यिक दरों के अनुसार संपत्ति कर वसूलेगी।
शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास गुप्ता ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तीन साल पूर्व कोरोना काल में भी धर्मार्थ शिक्षण संस्थानों, अस्पतालों और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के स्कूलों को संपत्ति कर में 100 प्रतिशत छूट देने की घोषणा की थी। नियमों में संशोधन के बाद अब चैरिटेबल संस्थाओं से कोई प्राॅपर्टी टैक्स नहीं लिया जाएगा।
आदेशों के अनुसार प्राॅपर्टी टैक्स में 100 प्रतिशत की छूट उन धर्मार्थ संस्थानों में लागू होगी, जहां सरकारी विद्यालयों और अस्पतालों के बराबर शुल्क लिया जाता है। इनमें अनुमोदित महाविद्यालय, विद्यालय, अस्पताल और औषधालय भी शामिल हैं। यदि ऐसे भवनों और भूमि के किसी हिस्से का निर्माण या उपयोग वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए किया जा रहा है तो उस हिस्से के लिए संपत्ति कर बाजार दरों के अनुसार लिया जाएगा।