Dimple Arora : अपराजिता, नारी शक्ति से लेकर 50 से अधिक अवार्ड मिल चुके
Dimple Arora Principle : नारी शिक्षा को बढ़ावा देने को लेकर कई नेशनल, इंटरनेशनल अवार्ड से सम्मानित हो चुकी प्रिंसिपल डिंपल अरोड़ा निरंतर नारी शिक्षा को लेकर अलख जगाने का काम कर रही है। अब तक शिक्षा के क्षेत्र में अपराजिता, नारी शक्ति अवार्ड सहित 50 से अधिक अवार्ड उन्हें तीन सालों में मिल चुके है। ओम इंटरनेशनल स्कूल दरोली खेड़ा की प्रिंसिपल डिंपल अरोड़ा के जीवन की कहानी खुद प्रेरणादायक है।
अरोड़ा (Dimple Arora) ने बताया कि शादी के बाद पढ़ाई छोडऩे के दस साल के बाद फिर से पढ़ाई कर वो शिक्षा क्षेत्र में आई। बेटियों के साथ-साथ जो पढ़ाई महिला छोड़ चुकी है उनको भी पढ़ाई के लिए प्रेरित वो करती है ताकि वो अपने जो सपने है उन्हें पूरा कर सकें। शुरूआत कभी भी कहीं से भी की जा सकती है। परिवार के सदस्यों के साथ-साथ स्कूल प्रबंधक समिति के हरदीप, प्रदीप, शर्मिली श्योकंद का भी इस मुकाम तक पहुंचने के लिए पूरा सहयोग रहा।
डिंपल अरोड़ा (Dimple Arora) ने बताया कि 2021 में सबसे पहला शिक्षा पदम सम्मान अॅवार्ड मोहाली (पंजाब) में मिला। इस अवार्ड के मिलने के बाद निरंतर शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के लिए प्रोत्साहन मिला। अपराजिता, नारी तु नारायणी, शिक्षा शौर्य सम्मान, नारी शक्ति, गुरू शिरोमणी, विजयणी, विश्व शिक्षा विद, नारी अस्तित्व, ग्लोबल, विद्या तुलसी संस्कार अवार्ड , भारत शिक्षा सम्मान, शिक्षा रतन सम्मान सहित 50 से ज्यादा अवार्ड दिल्ली, पंजाब, हरियाणा में मिल चुके है। इन अवार्डों के लगाने के लिए दीवार (Dimple Arora) भी छोटी पड़ गई है।
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डोज बॉल नेशनल चैंपियनशिप में टीम हरियाणा रही टॉप थ्री में
एलोरा (महाराष्ट्र) में हुई तीन दिवसीय डोज बॉल नेशनल चैंपियनशिप में टीम हरियाणा टॉप थ्री में रहते हुए तीसरे स्थान पर रही। इस टीम में बाबा प्रेमनाथ खेल एकेडमी खिलाड़ी किरण श्योकंद टीम हरियाणा की तरफ से खेली। यह प्रतियोगिता 27 से लेकर 29 अक्टूबर तक हुई। 21 से 23 अक्टूबर तक बहादुरगढ़ में टीम हरियाणा के चयन के लिए ट्रायल हुआ था। टीम हरियाणा के सीनियर वर्ग टीम में किरण को शामिल किया गया।
एकेडमी संचालक जयभगवान करसिंधु ने कहा कि बेटी आज खेलों में माता-पिता, गांव, क्षेत्र का नाम रोशन कर रही है। घर से बाहर निकल कर बेटी खेल के मैदान तक पहुंच रही है। अभिभावकों को चाहिए कि शिक्षा, खेलों में हिस्सा लेने के लिए बेटियों को प्रोत्साहित करें ताकि दोनों क्षेत्र में बेटी आगे आ सकें।
खेल में निरंतर बेटी हिस्सा लेकर मेडल जीत रही है। 31 अक्टूबर को उचाना आने पर किरण श्योकंद का जोरदार स्वागत किया जाएगा। किरण श्योकंद ने साबित किया कि बेटी भी माता-पिता का नाम रोशन कर सकती है।