MLA Krishan midha : गांवों में खुला दरबार लगाकर सुनेगें लोगों की समस्याएं
MLA Krishan midha : जींद के विधायक डॉ. कृष्ण लाल मिढ़ा 27 अक्तूबर को दोपहर 12 बजे उपमंडल नरवाना के गढ़ी, अमरगढ़, दनौदा खुर्द, दनौदा कलां व बदोवाल गांवों में जनसंवाद कार्यक्रम के तहत खुला दरबार लगाकर लोगों की समस्याएं सुनेंगे। यह जानकारी नरवाना के एसडीएम अनिल कुमार दून ने दी।
उन्होंने ग्रामीणों से आहवान किया कि वे इस जनसंवाद कार्यक्रम में गांव से जुड़ी तमाम शिकायतें विधायक के सामने रखें। उन्होंने बताया कि जनसवांद कार्यक्रम को लेकर खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी को नोडल अधिकारी तथा तहसीलदार नरवाना को इन सभी कार्यक्रमों के लिए ओवर आल इंचार्ज बनाया गया है।
नरवाना के एसडीएम अनिल कुमार दून ने बताया कि जींद के विधायक डॉ. कृष्ण लाल मिढ़ा दोपहर 12 बजे ग्राम सचिवालय गढ़ी, एक बजे राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अमरगढ़ ,दोपहर बाद 2 बजे दनौदा खुर्द के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में, दोपहर बाद तीन बजे दनौदा कलांं के खाप चबुतरा पर तथा सांय 4 बजे बदोवाल गांव के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में जन संवाद कार्यक्रम के तहत लोगों की शिकायतें सुनेंगे। उन्होंने सम्बंधित अधिकारियों को कहा कि कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिम्मेवारी के साथ कार्य करें।
धान के अवशेषों में आगजनी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कृषि विभाग द्वारा प्रचार वाहनों के माध्यम से किसानों को किया गया जागरूक
जींद के एसडीएम डॉ. पंकज आईएएस ने बताया कि उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा के मार्गदर्शन में जुलाना खंड के विभिन्न गांवों में जाकर किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर जागरूक किया जा रहा है।
इस कड़ी में वीरवार को जुलाना खंड के गांव गतौली, जयजयवंती,गडवाली खेडा, बक्ता खेडा,खरेंटी करेला,झमोला,राजगढ, शादीपुर तथा क रसोला गंवों में कृषि विभाग के अधिकारियों ने प्रचार वाहन के माध्यम से तथा प्रचार सामग्री बांटकर किसानों को अवशेष प्रबंधन को लेकर जागरूक किया।
उन्होंने बताया कि हमें कैसे कृषि अवशेष को न जलाकर पर्यावरण को बचाना चाहिए। इस दौरान बच्चों के द्वारा गांव वासियों को यह संदेश दिया गया कि हम पराली नहीं जलाएंगे, पर्यावरण बचाएंगे। इसी प्रकार विभिन्न गांवों में किसानों के साथ संवाद कर कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर जागरूक किया जा रहा है।
एसडीएम डॉ. पंकज ने कहा कि किसान आधुनिक कृषि यंत्रों से खेत में धान की कटाई के बाद पराली का प्रबंधन कर सकते हैं। इसके अलावा डी-कंपोजर कैप्सूल का इस्तेमाल करके खेत में पराली को गलाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उनके विभाग के साथ-साथ पशु पालन विभाग, स्थानीय पुलिस के साथ फसल अवशेष जलाने की सरकार द्वारा सैटेलाइट के माध्यम से निगरानी की जा रही है और अन्य विभागों के कर्मचारियों की भी डयूटी लगाई गई है।
ऐसा करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा। उनके अनुसार सरकार द्वारा पराली का प्रबंधन करने पर पंजीकृत किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाती है। ऐसे में कोई भी किसान अपनी पराली को न जलाए और सरकार की योजना का लाभ उठाएं।