6G Prototype Device 2024 : टेलिकॉम क्षेत्र में 4G, 5G टेक्नोलॉजी की धज्जियां उड़ाने आ गया 20 गुना ज्यादा तेज के साथ 6G प्रोटोटाइप डिवाइस, जो कि 100 Gbps की सुपरफास्ट स्पीड के साथ दुनिया के मार्केट में धूम मचाएगा। पाठकों को बता दें कि, दुनिया का पहला 6G प्रोटोटाइप डिवाइस पेश हुआ है। इस हाई स्पीड 6G प्रोटोटाइप डिवाइस में 100 Gbps की स्पीड से डेटा ट्रांसफर किया जा सकता है।
300 फीट एरिया कवर करने की क्षमता
एक शोध रिपोर्ट के मुताबिक, यह मौजूदा 5G टेक्नोलॉजी के मुकाबले 20 गुना अधिक तेज है और 300 फीट के एरिया को कवर कर सकता है। जापान की टेलीकॉम कंपनी DOCOMO, NTT कॉर्पोरेशन, NEC कार्पोरेशन और Fujitsu ने मिलकर दुनिया के पहले 6G प्रोटोटाइप डिवाइस (6G Prototype Device 2024) को पेश किया है। बता दें कि, इस डिवाइस ने 11 अप्रैल को पहली बार 6G नेटवर्क की स्पीड को सफलतापूर्वक टेस्ट किया है।
6G प्रोटोटाइप डिवाइस के इंडोर और आउटडोर दोनों टेस्ट
NEC कार्पोरेशन की शोध रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रोटोटाइप डिवाइस (6G Prototype Device 2024) को इंडोर और आउटडोर दोनों जगह टेस्ट किया गया। इंडोर में इस 6G डिवाइस ने 100 Gbps की सुपरफास्ट स्पीड 100 GHz बैंड पर अचीव की है। वहीं, आउटडोर में यह स्पीड 300 GHz बैंड पर प्राप्त हुई है। इस टेस्ट को रिसीवर से 328 फीट यानी 100 मीटर की दूरी पर टेस्ट किया गया है। हालांकि, 6G डिवाइस की स्पीड काफी इंप्रेसिव रही है, क्योंकि इसे सिंगल डिवाइस में टेस्ट किया गया है। मल्टी डिवाइस में इसकी स्पीड कम हो सकती है।
6G प्रोटोटाइप डिवाइस 200 से 400 Mbps इंटरनेट स्पीड
उदाहरण के तौर पर आपको बताए तो, 5G की मैक्सिमम स्पीड 10 Gbps तक है। हालांकि, रीयल वर्ल्ड में यह 200 से 400 Mbps तक ही एवरेज इंटरनेट स्पीड प्रदान कर सकती है। हालांकि, 5G नेटवर्क के लिए कमर्शियली हाई फ्रिक्वेंसी बैंड का इस्तेमाल किया गया है। हाई फ्रिक्वेंसी का मतलब ज्यादा इंटरनेट स्पीड होना है, लेकिन इसकी एक खामी भी है। हाई फ्रिक्वेंसी रेंज होने की वजह से नेटवर्क की रेंज कम हो जाती है, क्योंकि इसकी पेनिट्रेशन रेंज घट जाती है।
6G टेक्नोलॉजी की स्पीड
6G के लिए हाई फ्रिक्वेंसी बैंड की आवश्यकता होगी, जिसका अर्थ है कि फास्ट डाउनलोड अचीव करने के लिए डिवाइस को आवश्यक फ्रिक्वेंसी नहीं मिल पाएगी। यही नहीं, 6G की स्पीड को कम करने के लिए कई तरह के अन्य फैक्टर भी होंगे, जिनमें दीवार, बरसात आदि शामिल हैं। कई देशों में इस समय 4G से 5G नेटवर्क में ट्रांजिशन चल रहा है, क्योंकि नए जेनरेशन में पिछले जेनरेशन के मुकाबले तेज डेटा ट्रांसमिशन मिलता है। तेज डेटा ट्रांसमिशन के कारण से वीडियो स्ट्रीमिंग बेहतर हो जाती है।
6G टेक्नोलॉजी में इंटरनेट स्पीड अधिक होने के कारण से रियल-टाइम होलोग्राफिक कम्युनिकेशन संभव हो सकेगा। इसके अलावा वर्चुअल और मिक्स्ड रियलिटी एक्सपीरियंस भी बेहतर होगा। हालांकि, 6G टेक्नोलॉजी को अभी कमर्शियली आने में कई और साल लग जाएंगे। यह प्रोटोटाइप डिवाइस दुनिया इस नई जेनरेशन की टेक्नोलॉजी को समझने में और बेहतर करने में रिसर्चर्स की सहायता करेगा।